Sunday 8 April 2018

                                                 बुखार (ज्वर चिकित्सा )


१. तुलसी के ११ पत्ते ,काली मिर्ची सात दोनों को ६० gm पानी में रग़ड़कजर सुबह शाम ले | दो से १० दिन तक काढ़ा ले |
२.सात तुलसी के पत्ते ,सात काली मिर्च ओर १० gm मिश्री पानी में डालकर उबले, एक कप पानी रह जाने पर गरम गरम पीकर बदन ढककर १०-१५ मि लेट जाये | दिन में दो बार सुबह शाम दो तीन दिन तक काढ़ा ले |
३.१ चम्मच  नमक को लोहे के तवे पर भून ले ओर उसे एक ग्लास पानी में डालकर पि लेने से भुखार नष्ट होता है| इसे ३ से ५ दिन तर सुबह शाम ले |
४. तेल या घी के साथ ओर शहद के साथ हरड़ को चाटने से दाह नष्ट होता है |
५. निशोथ ,पीपल या हरड़ इनमे से किसी एक को शहद के साथ चटनी से विषम ज्वर ठीक होता है |
६. तुलसी के पत्तो के रस में काली मिर्ची का चूर्ण डालकर पिने से बुखार ठीक होता है |
७. कला जीरा ओर गुड बरारबर मात्रा में लेकर उसमे थोड़ी सी कालीमिर्ची का चूर्ण मिलाकर खाने से बुखर ठीक होता  है |
८. लू लगकर अगर बुखार  आता है तो आम के पने का सेवन करे |
९.लू लगकर अगर बुखार आये तो प्याज का  रस हाथ पैर तथा माथे पर मले |
१०. लू लगकर अगर बुखार अत है तो एक बाल्टी पानी में नीम की पत्तिया डालकर धुप में गरम होने रखे शामको इस पानी से स्नान कर ले |
११. गर्मियों में कोकम शरबत का सेवन करे |
१२. दही या छाच का अधिक मात्रा में सेवन करे |

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